Sunday, April 10, 2011

Agnipath


वृक्ष हो भले खड़े,
हो घने, हो बड़े,
एक पत्र छांह भी,
मांग मत, मांग मत, मांग मत,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.

तू न थकेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.

यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रू, स्वेद, रक्त से,
लथपथ, लथपथ,लथपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.



1 comment: