Saturday, March 27, 2010

प्यार



एक पल में वो हंस देते हैं

दूजे ही पल में खफा हो जाते हैं
खट्टी मीठी नोक झोंक से
हम एक दूजे का दिल बहलाते हैं
क्या इसी का नाम प्यार है ?

उनके साथ ये दुनिया भरी सी लगती है
उनके बिना अजीब सा सूनापन है
दूर सही उनका साथ मुझे महसूस होता है
बात न होने से विराना है
क्या इसी का नाम प्यार है ?

पल पल मुझे वो है सताते
मुझे ही याद करते हैं वो हर पल
फिर भी है क्यूँ इतना इतराते
कभी ख़ुशी तो कभी ग़म है
क्या इसी का नाम प्यार है ?

प्यार हम दोनों एक दूजे से करते हैं
लड़ाई के मामले में भी आगे हैं रहते
प्यार भी है लड़ाई भी है
नजदीकियां भी है तन्हाई भी है
क्या इसी का नाम प्यार है ?

एक दूजे के बिना एक पल भी न रह पाते हैं
फिर भी लड़ने के बाद दोनों है इतराते
एक दूजे की गलती माफ़ करना है हमने सीखा
हाँ ......हाँ ..........इसीका नाम प्यार है ..................



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