इतना तनहा हूँ सहारे की ज़रूरत न रही
बीच धारे में हूँ किनारे की ज़रूरत न रही
इस कदर खामोशी रास आ गई है हमें
अब कोई भी पुकारे ये ज़रूरत न रही
इस तरह टुकरो में बँट गई है तकदीर अपनी
अब कोई इसे सँवारे ये ज़रूरत न रही
जो मेरे पास था सब बाँट दिया दुनिया को
अब 'हमारे या तुम्हारे' की ज़रूरत न रही
चाँद,तारे हो या हो फूलों का चमन
अब किसी भी सहारे की ज़रूरत न रही
ZAROORAT
ITNA TANHA HUN SAHARE KI ZARURAT NA RAHI
BEECH DHARE MEIN HUN KINARE KI ZARURAT NA RAHI
IS KADAR KHAMOSHI RAS AA GAI HAI HAME
AB KOI BHI PUKARE YE ZARURAT NA RAHI
IS TARAH TUKRO MEIN BAT GAYI TAQDEER APNI
AB KOI ISE SANWARE YE ZARURAT NA RAHI
JO MERE PAAS THA SAB BANT DIYA DUNIYA KO
AB 'HAMARE YA TUMHARE' KI ZARURAT NA RAHI
CHAND,TAARE HO YA HO PHOOLON KA CHAMAN
AB KISI BHI SAHARE KI ZAROORAT NA RAHI
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